जो प्रेमी के नाम सीज़बान पर चढ़ जाती हैहम उँगलियों से आसमान को टटोलते रहते हैंकि इस दफ़ा बरसे तो पूरा आसमान पी जाएँ.और जब टूटके गिरते हैं कांच के मोतीसमूचा आसमान जैसे त्वचा में निचुड़ आता है.