शनिवार, 30 अक्तूबर 2010
शनिवार, 2 अक्तूबर 2010
लोग क्या याद रखते हैं ?
लोग क्या याद रखते हैं ?
एक अजनबी जगह पर
कुछ नरमी भरे
अजनबी एहसास !
या एक रोज़ कि वो
भूख जो आप को
सेंक सेंक के खा रही थी !
या एक पहाड़ की
सांसें जो अन्दर भरी
थीं तो लगा था
जिंदगी का पता !
या फिर एक साथ ,
जो कभी आप में सिल
जाता है या कभी उधड़ !
पर जानते हो ये भी -
वो था,
वो है ,
और वो रहेगा सदा!
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