बुधवार, 20 जुलाई 2011

प्रश्न और उत्तर

एक प्रश्न है और
उत्तर की तलाश है

कि तुम्हारी ग़ैरमौजूदगी में
ये ख़ूबसूरती
काइनात की
कहाँ खो जाती है?

शुक्रवार, 8 जुलाई 2011

इंतज़ार

एक तारे के इंतज़ार में
आकाश खोल के पढ़ते रहे

महकती रात की रानी
चांद पे पंजे मारती रही

काले लिबास में
बैठा इंतज़ार सुबकता रहा,
रास्ता भूला,
आधी रात
किसको आवाज़ दे?




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