बुधवार, 22 दिसंबर 2010

मुंबई हो या बॉम्बे- खूबसूरत है !



बड़ा खूबसूरत शहर है,
जहाँ आसमान रात,
ज़मी पर लोटता है !

लहरों पे रात-दिन
कश्तियाँ मदमदाती
रहती हैं !

मटमैली रोशनी में
सरसराते पत्ते
लम्बा, मीठा इतिहास
गुनगुनाते हैं.

और हर चौराहे पे
लगा वो स्लेटी पुतला
घूरता रहता है
आते जाते जल्दबाज़
मुंबईयो को.

ए दिल है आसां जीना यहाँ सुनो मिस्टर सुनो बन्धु ये है मुंबई मेरी जान :)
मुंबई हो या बॉम्बे- खूबसूरत है !

सोमवार, 20 दिसंबर 2010

बारिश का धुंआ


घन झम बरसा,


कुछ यूँ बरसा,


कि चलते मुसाफिरों की


छतरियां बजने लगीं.


देहकी हुई हरी


पत्तियां बजने लगीं.


 


















*मौसम नहीं है, आज मन गीला गीला है :)

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