इंतिहा
शनिवार, 30 अक्टूबर 2010
छलांग
इसी किनारे ,
इसी नदी में
एक शाम ने
मचल के छलांग
लगायी है !
2 टिप्पणियां:
संगीता स्वरुप ( गीत )
ने कहा…
वाह ..सुन्दर .
30 अक्टूबर 2010 को 7:30 am बजे
Parul kanani
ने कहा…
waah kya karishmai soch hai :)
30 अक्टूबर 2010 को 11:51 pm बजे
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2 टिप्पणियां:
वाह ..सुन्दर .
waah kya karishmai soch hai :)
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